दिल्ली-NCR मौसम: IMD ने 6 दिनों तक लगातार बारिश का अलर्ट जारी किया
सित॰ 5, 2025
अभिनव बहुगुण
द्वारा अभिनव बहुगुण

दिल्ली-NCR में 6 दिनों की बारिश: राहत भी, रिस्क भी

दिल्ली-NCR में हफ्ता पूरी तरह भीगा रहने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने लगातार छह दिनों की बारिश का अलर्ट जारी किया है। यह सिलसिला 5 सितंबर 2025 से शुरू हुआ और पूरे हफ्ते बने रहने की संभावना है। दिन में बादल, बीच-बीच में फुहारें और शाम/रात को रुक-रुक कर तेज बौछारें—यही पैटर्न फिलहाल नजर आ रहा है।

आज की तस्वीर साफ है: न्यूनतम तापमान 25.9°C, अधिकतम 33.6°C के आसपास। हवा 20.2 किमी/घं तक जा रही है और नमी 71% के ऊपर है। बारिश की संभावना 87%—मतलब छाता साथ रखिए, क्योंकि हल्की लेकिन लगातार बौछारें दिन के किसी भी समय शुरू हो सकती हैं। देर दोपहर और शाम के लिए रडार पर नजर रखना समझदारी होगी।

टाइमलाइन कुछ यूं है—6 सितंबर को एक और दौर गरज-चमक के साथ हो सकता है। 7 और 8 सितंबर को आसमान ज्यादातर बदला हुआ, हल्की से बहुत हल्की बारिश जारी। 8 तारीख के बाद तीव्रता घटने की उम्मीद है, पर उमस बनी रह सकती है। 9 सितंबर को छोटा सा ड्राई स्पेल मिल सकता है, जिससे सफर और दफ्तर के काम कुछ आसान होंगे।

ये सिलसिला उत्तर भारत में सक्रिय मानसून की बड़ी तस्वीर का हिस्सा है। बंगाल की खाड़ी से आती नमी, अरब सागर की फीड और उत्तर भारत के ऊपर सक्रिय ट्रफ—ये सब मिलकर बादलों को थमा नहीं रहने दे रहे। कभी-कभी पश्चिमी विक्षोभ की कमजोर हलचल भी सिस्टम को ऊर्जा देती है। सितंबर में दिल्ली में आम तौर पर 3 से 8 दिन बारिश होते हैं और तापमान 28°C से 35°C के बीच रहता है—इसलिए मौजूदा पैटर्न मौसम के क्लाइमेट नॉर्मल से बाहर नहीं है, बस अवधि थोड़ी लंबी दिख रही है।

बारिश ने गर्मी से राहत दी है, पर शहर के लिए चुनौती भी बढ़ी है—जलभराव, ट्रैफिक की रफ्तार धीमी, दोपहिया फिसलन और देरी से चलती बसें/कैब्स। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 75 (मॉडरेट) दर्ज हुआ, जो ठीक-ठाक है। बारिश आमतौर पर हवा को साफ करती है, पर लंबे गीले दौर के बाद जब ब्रेक आता है तो नमी-धूल का कॉम्बो AQI को फिर थोड़ा ऊपर खींच सकता है।

ये भी ध्यान रखें: NCR में गुरुग्राम का हीरो होंडा चौक, दिल्ली का मिंटो ब्रिज अंडरपास, ITO और कुछ रिंग रोड सेक्शन—ऐसे दौर में अक्सर जलभराव देख चुके हैं। नोएडा-घाजियाबाद में सेक्टरों के भीतर वाली सड़कों और सोसाइटी गेट्स के पास पॉकेट-फ्लडिंग भी आम रहती है। इसका मतलब यह नहीं कि हर बार यही होगा, पर ड्राइविंग प्लान करते वक्त इन पैटर्न्स को दिमाग में रखिए।

मौसम विज्ञान के हिसाब से अभी सबसे अहम फैक्टर है लगातार नमी की सप्लाई और सतह के पास उच्च आर्द्रता। बादल ऊँचाई पर ज्यादा ठंडे नहीं हैं, इसलिए तेज मूसलाधार की बजाय लंबी, हल्की से मध्यम बौछारें मिल रही हैं। थंडरक्लाउड्स लोकल हैं—इसलिए एक इलाका तर-बतर और बगल का इलाका सिर्फ बदला हुआ दिख सकता है।

IMD का अपडेट, शहर पर असर और आपकी तैयारी

IMD का अपडेट, शहर पर असर और आपकी तैयारी

IMD का अलर्ट अभी सतर्क रहने की सलाह देता है। रंग-कोडेड अलर्ट सिस्टम में आमतौर पर येलो का मतलब ‘सतर्क रहें’, ऑरेंज ‘तैयार रहें’ और रेड ‘कड़ी कार्रवाई’ होता है। हर दिन की ताजा बुलेटिन पर नजर रखना जरूरी है, क्योंकि लो-प्रेशर की गति और ट्रफ की पोजिशन बदलते ही लोकल बारिश का पैटर्न बदल जाता है।

सफर पर असर साफ दिखेगा—दफ्तर टाइम पर निकलें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट ऑप्ट करें, और रीयल-टाइम ट्रैफिक अपडेट देखें। सड़क पर पानी भरा हो तो वाहन न घुसाएं; इंजन में पानी चढ़ा तो खर्चा और रिस्क दोनों बढ़ेंगे। बाइक/स्कूटर पर ब्रेकिंग डिस्टेंस बढ़ाइए, फिसलन वाले पैच (पेंटेड ज़ेब्रा क्रॉसिंग, मैनहोल ढक्कन, डीजल-ग्रेस वाले धब्बे) से धीमे निकलें।

एयर क्वॉलिटी के मोर्चे पर फिलहाल राहत है, पर लगातार नमी से घरों के भीतर फफूंदी और बदबू की दिक्कत बढ़ सकती है। वेंटिलेशन रखें, HEPA/कार्बन फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर (अगर उपलब्ध) को लो-मोड पर चलाएं, और वेट मैट्स/कपड़ों को देर तक न छोड़ें।

स्वास्थ्य जोखिम भी बदलते हैं। ठहरे पानी में मच्छर पनपते हैं—डेंगू/मलेरिया से बचाव के लिए घर और बालकनी में पानी न जमा होने दें, लार्वा-प्रोन जगहें (कूलर, ट्रे, गमलों की प्लेट) रोज़ खाली करें, और रात को सोते वक्त मच्छरदानी/रिपेलेंट का इस्तेमाल करें। बच्चों और बुजुर्गों को अचानक तापमान गिरने पर गीले कपड़ों में न छोड़ें—हल्का जैकेट/रेनकोट साथ रखें।

स्कूल और ऑफिस प्लानिंग भी थोड़ी बदलें। बच्चों के बैग में रेनकवर, अतिरिक्त मास्क/रुमाल और पानी-रोधी पाउच रखें। औसत देरी 15–30 मिनट तक जा सकती है, तो मीटिंग्स और स्कूल ड्रॉप-ऑफ में बफर रखें। अगर वर्क-फ्रॉम-होम ऑप्शन है तो शिखर बारिश वाले स्लॉट में उसका इस्तेमाल करें।

हाउसिंग सोसायटी और RWAs के लिए यह चेकलिस्ट काम की है:

  • ड्रेन और स्टॉर्म-वॉटर इनलेट्स से कचरा हटवाएं, कवर जमे हों तो तुरंत खुलवाएं।
  • बेसमेंट पार्किंग में पानी रिसने की शक्ल लगे तो पंप/बैरिकेड तैयार रखें।
  • लिफ्ट शाफ्ट, इलेक्ट्रिकल रूम और DG सेट के पास वाटरप्रूफिंग चेक करें।
  • गार्ड्स को जलभराव वाले एंट्री-पॉइंट्स पर बैरिकेडिंग और ट्रैफिक रीरूटिंग की बेसिक ट्रेनिंग दें।

घर के लिए छोटे-छोटे कदम बड़े काम के हैं—फोन/लैपटॉप चार्ज रखें, बेसिक टॉर्च और पावर बैंक तैयार, किचन में ड्राई राशन की थोड़ी बैकअप स्टॉकिंग रखें। बरामदे/बालकनी में रखी ढीली वस्तुएं हवा में उड़ सकती हैं, उन्हें बांध दें।

NCR टाउन—नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद—में भी पैटर्न करीब-करीब ऐसा ही रहेगा। ऑफिस हब्स और चौड़े अंडरपास वाले हिस्सों में पानी जल्दी भरता है; यहां सबसे अच्छा तरीका है जल्दी निकलना और वैकल्पिक रूट तैयार रखना।

अगर आपको मौसम के बीच बाहर निकलना ही पड़े, तो यह मिनी-गाइड संभालकर रखें:

  • छाता/रेनकोट हमेशा बैग में रखें; पारदर्शी रेनकवर फाइल/लैपटॉप को बचाता है।
  • वॉटरप्रूफ/नॉन-स्लिप जूते पहनें, चप्पलों से बचें—फिसलन बढ़ती है।
  • कम दिख रही सड़कों पर तेज रफ्तार न रखें; सामने गड्ढे/खुले मैनहोल का अंदेशा रहता है।
  • बिजली कड़कने लगे तो खुले मैदान, अकेले खड़े पेड़ और पानी भरी जगहों से दूर रहें।
  • कार चला रहे हैं और पानी ऊपर तक चढ़ने लगा है तो यू-टर्न लें; फंसे तो खिड़कियां खुली रखें और मदद बुलाएं।

याद रखें, पूर्वानुमान दिन-प्रतिदिन अपडेट होता है। कम समय वाली भविष्यवाणियां ज्यादा सटीक होती हैं—तो सुबह घर से निकलने से पहले ताजा अपडेट जरूर देखें। फिलहाल दिल्ली मौसम का सबसे भरोसेमंद संकेत यही है: हल्की से मध्यम बौछारें, शाम/रात में गरज-चमक की संभावना, और 9 सितंबर के आसपास एक छोटा ब्रेक। उसके बाद दोबारा नमी लौट आई तो फुहारें फिर सक्रिय हो सकती हैं।