जब नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर, 2025 को तमिलनाडु के कोयम्बटूर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) का 21वाँ किस्त भुगतान शुरू किया, तो देश के लगभग 9 करोड़ किसानों के बैंक खातों में एक साथ 18,000 करोड़ रुपये का धमाका हो गया। ये भुगतान केवल पैसा नहीं है — ये उन किसानों की रोज़ी-रोटी का सीधा संबंध है, जिन्हें अब तक की 20 किस्तों से लगभग 3.70 लाख करोड़ रुपये मिल चुके हैं। ये नंबर आंकड़े नहीं, जीवन हैं।
प्रत्येक किसान को वार्षिक 6,000 रुपये की सहायता तीन बराबर किस्तों में मिलती है — हर किस्त 2,000 रुपये। इस बार का भुगतान सीधे बैंक खातों में, बिना किसी बीच के दखल के, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) सिस्टम के जरिए हुआ। ये तकनीकी शब्द लग सकता है जटिल, लेकिन असल में ये बहुत सरल है: सरकार ने किसान के खाते में सीधे पैसा डाल दिया। बीच में कोई अधिकारी, कोई दलाल, कोई भ्रष्टाचार नहीं। ये वो बदलाव है जिसे किसानों ने सालों से चाहा था।
ये योजना सिर्फ उन किसानों के लिए है जिनके पास जमीन है — लेकिन शर्तें सख्त हैं। तीन चीजें जरूरी हैं: पहले, जमीन का विवरण PM-Kisan पोर्टल पर अपलोड होना चाहिए। दूसरे, बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए। तीसरा, eKYC पूरा होना चाहिए। इसके लिए आप या तो पोर्टल पर OTP द्वारा कर सकते हैं, या अपने नजदीकी Common Service Centre (CSC) पर बायोमेट्रिक स्कैन करवा सकते हैं।
लेकिन यहाँ ट्विस्ट है: जिन किसानों ने 1 फरवरी, 2019 के बाद जमीन खरीदी है, वे इस किस्त के लिए अयोग्य हैं। और अगर एक ही परिवार में दो लोग — जैसे पति-पत्नी या बड़ा बेटा और छोटा बेटा — अलग-अलग रजिस्टर्ड हैं, तो उनमें से केवल एक को ही भुगतान मिलेगा। ये नियम भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हैं।
किसान बस pmkisan.gov.in पर जाकर 'Know Your Status' पर क्लिक कर सकते हैं। अपना आधार नंबर, मोबाइल नंबर या PM-Kisan ID डालें, कैप्चा भरें, और 'Get Status' दबाएं। अगले ही पल आपको पता चल जाएगा कि आपका पैसा आया है या नहीं।
अगर स्टेटस 'Pending', 'On Hold' या 'Rejected' दिखे, तो आपको किसी भी कृषि विभाग कार्यालय या CSC पर जाना होगा। कई ग्रामीण क्षेत्रों में, लोग अभी भी बैंक पासबुक देख रहे हैं — क्योंकि SMS नहीं आया, या मोबाइल नेटवर्क कमजोर है। ये एक छोटी सी बात लग सकती है, लेकिन इसका मतलब है: एक किसान की आधी साल की आय का इंतजार।
अगर किसी किसान का eKYC नहीं हुआ, तो उसे भुगतान नहीं मिलेगा। ये नियम अब बहुत सख्त है। अधिकारी कहते हैं कि eKYC की स्थिति 24 घंटे में पोर्टल पर अपडेट हो जाती है। लेकिन असल में, कई गांवों में लोग अभी भी भूल जाते हैं कि उन्हें ये करना है।
यहाँ एक अहम बात: किसान-एमित्र, यानी PM-Kisan का AI चैटबॉट, अब एक बहुत बड़ा सहायक बन गया है। आप इसे अपने फोन पर बोलकर पूछ सकते हैं: 'मेरा PM-KISAN भुगतान कब आएगा?' या 'मेरा eKYC कैसे करूँ?' ये बात अब एक बड़ी बदलाव है — जहाँ पहले आपको दफ्तर जाना पड़ता था, अब आपके फोन पर जवाब मिल जाता है।
2019 में शुरू हुई इस योजना ने अब तक 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को सीधे सहायता दी है। ये कोई छोटी सी बात नहीं। एक बार जब आप जान जाएं कि एक छोटे किसान के पास अक्सर 10,000 रुपये से भी कम खर्च के लिए पैसे होते हैं — तो 2,000 रुपये का भुगतान उसके लिए एक जीवन रक्षक हो सकता है।
एक बिहार के किसान ने हमें बताया: 'मैंने इस पैसे से बेटी की शादी के लिए धान बेचा, नहीं तो बैंक लोन लेना पड़ता।' ये बात सिर्फ एक किसान की नहीं, देश की अर्थव्यवस्था की है। जब किसान खर्च करता है, तो गांव के दुकानदार, ट्रक चालक, बिजली कंपनी — सबको फायदा होता है।
अगली किस्त 1 दिसंबर, 2025 को आने की उम्मीद है। सरकार ने अभी तक इस योजना को बिना किसी बड़े विरोध के जारी रखा है। लेकिन चुनाव के बाद क्या होगा? ये एक ऐसी योजना है जिसे अब किसान अपनी जरूरत का हिस्सा मान चुके हैं। इसे रोकना अब राजनीतिक रूप से मुश्किल हो गया है।
कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अगला लक्ष्य होना चाहिए: छोटे किसानों के लिए बीज, खाद और बिजली की कीमतों में भी सीधी सहायता। अभी तो सिर्फ पैसा मिल रहा है — लेकिन उत्पादन लागत बढ़ रही है।
21वाँ भुगतान उन 9 करोड़ किसानों को मिला जिनके आधार और बैंक खाते लिंक हैं, और जिनकी जमीन की जानकारी 1 फरवरी, 2019 से पहले PM-Kisan पोर्टल पर दर्ज है। ऐसे किसान जिन्होंने इस तारीख के बाद जमीन खरीदी है, या जिनके परिवार में दो लोग रजिस्टर्ड हैं, उन्हें यह भुगतान नहीं मिला।
सबसे पहले pmkisan.gov.in पर 'Know Your Status' पर जाएँ। अगर स्टेटस 'Pending' या 'Rejected' है, तो आपको अपने नजदीकी Common Service Centre (CSC) या कृषि विभाग कार्यालय जाना होगा। वहाँ आपका eKYC या बैंक लिंकिंग अपडेट करवाया जा सकता है।
eKYC एक डिजिटल पहचान प्रक्रिया है। आप या तो PM-Kisan पोर्टल पर अपना आधार नंबर और मोबाइल नंबर डालकर OTP द्वारा कर सकते हैं, या अपने नजदीकी CSC पर बायोमेट्रिक स्कैन (अंगूठे का निशान) करवा सकते हैं। इसके बाद 24 घंटे में आपका स्टेटस अपडेट हो जाएगा।
आधार लिंकिंग से दोहरी लाभ लेने वालों को रोका जा सकता है। यह एक अनूठी पहचान है जो हर नागरिक के लिए अद्वितीय है। इससे भ्रष्टाचार कम होता है, और वास्तविक किसानों को पैसा सीधे पहुँचता है। बिना आधार लिंकिंग के, आपका भुगतान नहीं होगा।
अगर आपका eKYC और बैंक लिंकिंग पूरा है, तो नहीं — आपको किसी दफ्तर जाने की जरूरत नहीं। लेकिन अगर आपका स्टेटस ठीक नहीं है, तो CSC या कृषि विभाग आपकी मदद कर सकते हैं। कई ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी इन सेंटर्स का ही आश्रय लिया जाता है।
अगले वित्तीय वर्ष में यह योजना शायद और विस्तारित होगी — शायद छोटे किसानों के लिए बीज या खाद की सब्सिडी भी शामिल की जा सकती है। अब तक यह सिर्फ आय का समर्थन थी, लेकिन अब उत्पादन लागत का समर्थन भी जरूरी हो गया है।